दिल के कपाट

हवाओं के सहारे,
तेरी याद ने दी दस्तक
दिल को लगा जैसे,
रिमझिम बरखा आने वाली है
बारिशों के इस मौसम में,
रुख बदलती हवाओं ने, जैसे कुछ है कह दिया..
अनजानी यादों ने, अनजाने वादों को,
जैसे छू सा दिया
बारिशों ने चमका दिया, यादों का आईना
और हवाओं ने,
बढ़ा दी दिल की धड़कन
और हौले से कहा,
सुनो, तुम्हें भी लगता है न
इस मौसम में,
खो जाने को दिल करता है न,
और मैं खो गई

इठलाती, बलखाती
इन हवाओं ने,
चुपके से, दिया था मुझे,
बरखा के आने का संदेश
देखो तो सही,
बरखा भी छुपकर आ ही गई
खेलने मेरे साथ,
मेरे साथ अठखेलियां करने,
पर ये खेल मेरी समझे से,
परे है शायद,
फिर भी मैने खोल दिए है दिल के कपाट,
जैसे जाग गई हों,
कब से जे़हन में सोई, तेरी यादें।


- भावना (its all about feelings)

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