न जाने क्यूँ कुछ सवालों के जवाब नहीं होते न जाने क्यूँ दिल होते हुए भी अरमान नहीं होते यूँ तो ढूंढते हैं गम-ए-तन्हाई में... [...]

आँख खुली तो जीवन देखा, जीवन में क्यों खुद को देखा.. तेरे कहने भर से माना, मैंने है परमेश्वर देखा मैं ही राधा, मैं ही सीता, काल चक्र... [...]