सवाल जिनके जवाब नहीं होते



न जाने क्यूँ कुछ सवालों के जवाब नहीं होते
न जाने क्यूँ दिल होते हुए भी अरमान नहीं होते

यूँ तो ढूंढते हैं गम-ए-तन्हाई में कोई साथ
लेकिन कुछ पलों के हमराही नहीं होते,
बस चलती हैं साँसें यूँही किसी उम्मीद में
उन उम्मीदों में कहीं कोई आस नहीं होती...

फिर भी हाथों में थमी हैं अनदेखी-अनजानी डोर
खींचती है जो सपनों की पतंग आसमान की ओर

चाह कर मिलता नहीं सपनों का आशियाना
दुनिया ने हमेशा चाहा सपनों को आजमाना,
बेशक सवालों का नहीं मिलता कोई जवाब
शायद सवाल ढूँढता है खुद का कोई जवाब !

होती हैं कुछ ऐसी भी पहेली
जिसकी नहीं यहां कोई भी सहेली,

अँधेरी रातों में रौशनी की आस में
भटकती है वो जाने किसकी तलाश में...

आखिर होतें हैं कुछ ऐसे भी सवाल
जिनको मिलते नहीं कोई भी जवाब

-भावना (its all about feelings)

6 Responses so far.

  1. Unknown says:

    ख्वाब है ..जिसको सजाने की चाहत,
    या झुंझलाहट है इस तोड़ देने की !न जाने क्यूँ कुछ सवालों के जवाब नहीं होते :)

  2. Mukul says:

    अच्छा है लिखते रहो

  3. @Ajit Pratap Singh: thanx alot

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