Better to be a bitch than Bechari !

She was a girl who knew how to be happy even when she was sad...
'कपड़े तो देखो जरा महारानी के, अपने आप को हिरोइन समझती है'
'ओ मैडम, कहां चली? कहो तो छोड़ दूं तुम्हें'
'अरे मेरी जान, एकदम पटाखा लग रही है.. क्या बात आशिक से मिलने जाना है क्या'

     हंसी आ रही होगी न आपको! या लग रहा होगा कि अजीब लड़की है, आज पागल हो गई लगता है. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हैं. बस आपके साथ अपनी जिंदगी के कुछ फनी मोमेंट्स बांटना चाहती हूं. क्या पूछा आपने- इसमें फनी क्या है? फनी ही तो है ये सब कुछ. घर के बाहर कदम रखते ही पूरी दुनिया तारीफों के पुल बांधने लगती हो. हे प्रभु, अब इसमें भी सवाल. अच्छा ठीक है बताती हूं. अब 'हिरोइन', 'पटाखा', 'महारानी' जैसे शब्द तारीफ ही तो है. क्योंकि जहर हो रोकर पीने से बेहतर है हंस कर स्वीकार कर लेना. रोज हजारों लोगों के ताने सुन-सुनकर एक लड़की के कान इतने मजबूत हो जाते हैं कि फिर शायद मां-बहन की गाली का भी कोई अर्थ नहीं रह जाता. हां, शुरूआती दौर में ये सभी बातें कचोटती जरूर हैं. क्या आपको आपकी कोई दोस्त याद है, जिसने छेड़ने की बात आते ही कहा हो- 'आई डोंट केयर'? क्या आपको वाकई लगता है that she really dont care! शायद उसे पता है कि आप भी उससे एक ही लाइन कहेंगे- 'छोड़ न यार, ऐसा तो होता ही रहता है'. जब पता हो कि आपको आपकी लड़ाई खुद लड़नी है तो दूसरों को शामिल ही क्यों करना. एक लड़की हूं इसलिए जानती हूं कि रोती हुई आत्मा के ऊपर हंसते हुए चेहरे का पर्दा कैसे चढ़ाना है. खैर यहां ये सब लिखने का मतलब ये नहीं कि आप मुझसे सहानुभूति जताएं या चाय की चुस्कियों के साथ ये कहें कि बहुत ही गलत बात है. बस मैं तो आपके साथ एक लड़की के साथ होने वाले फनी मोमेंट्स को बांटना चाहती हूं. तो सिलसिला शुरू करें-

घर की चौखट और पड़ोसियों की कानाफूसी-
Best moment of life. देख-देख आज कैसी सज-संवरकर जा रही है. मां का तो बिल्कुल बस नहीं चलता अपनी बेटी पर. जब देखो तब एक नए लडके के साथ पधारती हैं महारानी और सहेलियां भी एक से एक. ऐसे-ऐसे छोटे कपड़े पहनकर आती हैं. अरे मिसेज वर्मा देखिएगा ये लड़की एक दिन अपने घरवालों की नाक कटाकर भाग जाएगी किसी लडके के साथ.
Result- कुछ दिनों बाद पड़ोसी का बेटा भाग गया.

रिश्तेदारों की चिल्लम-पौ-
अरे भैया-भाभी अब तो ये भी 23 साल की हो गई है, लड़का क्यों नहीं ढूंढते इसके लिए. कब तक ऐसे ही रखोगे. अब लगा तो दिया जितना पैसा लगाना था, बाकी ससुराल वाले देखंगे. अरे कौन सा कलेक्टर बनना है इसे, शादी करो गंगा नहाओ.
Result- चाचा जी की बिटिया अपने सपने पूरा करने को घर से बिना बताए निकल ली.

सड़क के आशिक-
अरे जान कहां जा रही हो, हम छोड़ दें. अरे एक चुम्मा तो देती जाओ, इतना भी क्या शरमाना. हममे कांटे तो नहीं लगे. रात को क्या कर रही हो जान, आ जाना साथ में मस्ती करेंगे. एकदम ऐश्वर्या जैसा फिगर है जान, क्या मस्त लगती हो.
Result- बीच सड़क पर लड़की के साथ बलात्कार या पब्लिक ने शोहदों को पीटा.

ऑटो के पिता जी टाइप बुड्ढे-
इधर छुआ-उधर छुआ. 'अंकल जी जरा हाथ उधर करेंगे'... 'हां-हां' बेटा लेकिन फिर भी छुआ.
हाथ हटाता है या नहीं
कैसे बात करती हो, तमीज नहीं है. तुम्हारे बाप जैसा हूं
मेरा बाप मेरे साथ सोता नहीं, हाथ हटाता है या चप्पल उठाऊं
कैसी लड़की है, संस्कार ही नहीं है बिल्कुल.
ओ ऑटो वाले भैया, इस बुड्ढे को उतारना है या मैं उतरूं
Result- लड़की पर संस्कारी न होने का बड़ा सा टैग और अंकल जी तो खैर दूसरी बिटिया ढूंढ ही लेंगे.

इंटर्नशिप लवर
प्लीज मान जाओ न. मैं तुम्हारी अच्छी सी जॉब लगवा दूंगा. तुम इतनी प्यारी हो कि मन पर काबू नहीं होता. मं तुमसे बहुत प्यार करने लगा हूं. एक रात मेरे साथ बिता लोगी तो क्या हो जाएगा. तुम्हारा तो भविष्य बन जाएगा न.
Result- लड़की या तो भविष्य की चाह में आत्मा लुटाती है या आत्मा की चाह में भविष्य.

आभासी दुनिया भी कम नहीं
आप सिंगल हैं? वाकई लेकिन क्यों.. कोई मिला नहीं या ब्रेक-अप हो गया. जी समझ ही नहीं आया कि सच में सिंगल क्यों हैं आप. चलिए कोई बात नहीं, कोई ना कोई तो मिल ही जाएगा. तो फिर शादी कब कर रही हैं आप.
Result- या तो इंसान अपनी आई-डी ब्लॉक कर ले या सामने वाले को.

     ये तो एक छोटी सी बानगी है. ऐसी न जाने छोटी-छोटी दिखने वाली कितनी ही बातें हैं, जो हर दिन यूंही सामने आ जती है. आम जिंदगी में बंटवारा बुरा लगता है न, लेकिन एक लड़की के लिए बंटवारे से ज्यादा सुख किसी भी चीज में नहीं है. बस में सफर के वक्त के जब भी कोई लड़की आकर बैठती है, तो लगता है कि आज प्रभु का प्रसाद है. कम से कम एक्स-रे करती आँखें कुछ तो बंटेंगी. कौन कहता है बलात्कार सिर्फ शरीर का ही होता है, आत्मा का बलात्कार भी कुछ कम नहीं. रोज होती इन बातों पर कब तक सिर झुकाएं. ऑफिस में किसी लड़की के सामने आप गाली दें तो कुछ नहीं और कोई लड़की गाली दे तो उसके संस्कार कठघरे में आ जाते हैं. क्या वाकई संस्कार की बातें करने वाले लोग संस्कार की पवित्रता को समझते हैं! तेज-तर्रार लड़की को बदतमीज और लूज कैरेक्टर करार दे दिया जाता है. लोगों की इतनी उम्मीदें हैं की आजतक समझ नहीं आया कि वास्तव में उम्मीद है क्या. क्या आप इन उम्मीदों को समझने में मेरी थोड़ी सी मदद कर सकते हैं? मैं तो हार गई.

     जिस दिन पहली बार घर से बाहर कदम निकाला था तब मां ने कहा था- 'सिर झुकाकर घर लौटी तो शायद साथ न दे पाऊंगी, जो सिर उठाकर जान भी दी तो एक बार भी आंसू न बहाउंगी.' फिलहाल, उम्मीद तो यही है कि उसकी उम्मीदों पर खरी उतर सकूं. खैर, अच्छा लगा आपसे बातें करके.. अपने फनी मोमेंट्स शेयर करके... उम्मीद है आपको मेरे इन फनी मोमेंट्स ने खूब गुदगुदाया होगा. हंसी आई न आपको.

33 Responses so far.

  1. Unknown says:

    कटु सत्य उकेरा है समाज का ; जहाँ हम आज विकास और आधुनिक होने का ढिंढोरा पिटते ;
    वहीँ समाज के किसी न किसी कोने में एक लड़की प्रतारित हो रही होती : यह व्यंग्य नहीं कटाक्ष है की कब हम इस चीज से बाहर निकलेंगे और लड़कियों को बस एक कामुक दृष्टि या कलुषित सोच से ऊपर उठ के जानेगे की;
    वो क्या सोचती. उनकी भी इस समाज में भागीदारी है एक स्थान है ! सराहना आपकी की एक गंभीर सत्य को अपनी लेखनी से सहज शब्दों में यहाँ रखा ... एक दिन शब्दों को मुकाम मिलेगा .......

  2. har ladki ki kahani.......

  3. Very interesting but very shameful for society and country, we have to think that why this happening .. and these lines are perfect "सिर झुकाकर घर लौटी तो शायद साथ न दे पाऊंगी, जो सिर उठाकर जान भी दी तो एक बार भी आंसू न बहाउंगी.' "

  4. @Sujit Kumar Lucky: dhnyawaad

  5. @Anshu Joshi: thank u frnd

  6. Anonymous says:

    Rishi Sharma: bahut khub likha hai...shisha dikha diya...'' मां ने कहा था- 'सिर झुकाकर घर लौटी तो शायद साथ न दे पाऊंगी, जो सिर उठाकर जान भी दी तो एक बार भी आंसू न बहाउंगी.'

  7. Anonymous says:

    Asiya Zafar: oh very true, bt u kno wt ds society will remain d same or inke chutiya comments bhi..inke lye ek hi line hai "unche se uncha banda,potty pe baithe nanga..fir kahe ki society sala kahe ka pakhanda"

  8. Anonymous says:

    Rubiyan Ghazi: लड़की भविष की चाह मै आत्मा लुटाती है ,या आत्मा की चाह मे भविष... वेल रिटेन फैक्ट

  9. Anonymous says:

    Rupali Mishra: Well written... Most influential line- सिर झुकाकर घर लौटी तो शायद साथ न दे पाऊंगी, जो सिर उठाकर जान भी दी तो एक बार भी आंसू न बहाउंगी.

  10. Anonymous says:

    Nitin Tewari: aap single ho..?..........mjhse bhi pucha tha kisi ne ye......mast bua mast...shared

  11. Anonymous says:

    Vivek Srivastava Well..keep it up.

  12. Anonymous says:

    Lakshmi Mahakud: gud job dear ....this is absolutely very true n this is the real face of today's society

  13. Anonymous says:

    Sanjay Singh Rawat: It's realy gud dear .... yai sab sahi hai dear par apna jawabh dusaroo ko hass k do taki un ko hassnai ka koi moka na mile..

  14. Anonymous says:

    Poonam Sharma: tremendous job. this is the harsh face of our so called sabhya samaj

  15. Anonymous says:

    Hemlata Shukla: gud one

  16. Anonymous says:

    Narendra Singh: shameful for our society and every body knows but they have no any SANSKAR h

  17. Anonymous says:

    Ankita Shukla : Well done dear.... wat an amazing writing....Bahut khoob likhā hai.... Being a gal I can easily understand every single line frm those Funny moments.... but we r helpless coz is sanskaron ke bhari duniya ko change karna nxt to imposbl hai.... Again m saying dis “Well done Sweety "...... lotsa love

  18. Anonymous says:

    Sanchita Chowdhury: Good one!

  19. Anonymous says:

    मनीष यादव: बस ऑॅटो वालो और सड़क के लड़को वालो पर गुस्सा आया बाकि तो पड़ोसी का लड़का और रिश्तेदार की बेटी का तो वो भागना विशेषाधिकार था..रही बात इनटर्नशिप लवर का तो साले लवर लड़कियों से ही लबर लबर करते है..कभी लड़के से कर देखते तो...हम भी कुछ लिखते..

  20. Anonymous says:

    Aanchall: very well said bhawna

  21. Anonymous says:

    Neeraj Joshi: khatarnaaak,,,josila,,,sansaniii

  22. Anonymous says:

    Harshita Joshi: Shameful truth of our society nd every girl have to face it. but questions are still same na????where is d end??????wat is d solution???hw can we chage d whole society???ooooooooooooo..........so many qus but without solution..

  23. Anonymous says:

    Rahul Anand: bilkul sahi kaha

  24. @pankaj awasthi : thanx alot sir

  25. उम्दा लेख !!

  26. Unknown says:

    bahut acchaa likha hai mam thnks

  27. Bahut khoob . . .Umda . . . Shabdon mei stya ko ukera . . . . . kabile Daad . . .taareef . . . Likhtiii raho

  28. @anuj diwakar: sukriya

  29. @rk mishra: thank you sir

  30. @unbeatable: shukriya...

Leave a Reply