शुक्रिया दिल से.........


 
Mukul Sir




ये न तो कोई लेख है, न ही कोई कहानी, बस एक जरिया  है आभार व्यक्त करने का.  एक ऐसे शख्स को जिन्होंने हमें हौसला दिया अपना हुनर निखारने का और कुछ नया करने का. एक युवा मन में बहुत आशाएं होती हैं लेकिन उन आशाओं को पंख उस वक्त मिलते हैं जब कोई उड़ने में उनका साथ दे और कहे कि तुम ये कर सकते हो, बस एक कदम तो बढ़ाओ.. और ये हौसला अगर एक शिक्षक दे तो! मौका मिलने के बाद कौन  क्या  नहीं  कर सकता, लेकिन मौका मिले  तो सही.  ये मौका, हौसला,  हिम्मत किसी  भी  उड़ान के स्तम्भ हैं,  आंखों में सपने तो हजार होते हैं लेकिन उन सपनों को पूरा करने की ताकत अपनों के दिए हौसले  से ही मिलती है.  एक शिक्षक के तौर पर उन्होंने अपने विद्यार्थियों को हर प्रकार की मदद दी हैअपनी प्रतिभा को लोगों के सामने लाने और निखारने का  रास्ता दिखाया. शिक्षक के साथ-साथ एक दोस्त का फर्ज भी निभाया और अपने विद्यार्थियों की सभी परेशानियों को गौर से सुना. न जाने कुछ समय बाद हम सभी कहां होंगे..... पर एक साथ जुड़े होंगे, जो हमारे साथ गुजरे वक्त की याद ताजा करेंगे. बस यही कहना चाहती हूं कि ये वक्त, ये पल कभी लौट कर नहीं  आएंगे .... लेकिन जब याद आएंगे तो होठों पर मुस्कान और दिल में ख़ुशी होगीआपके साथ और हौसलाफजाई के लिए शुक्रिया मुकुल सर. लिखना तो बहुत कुछ चाहती हूं लेकिन शब्द नहीं हैं.  आशा है आपका साथ और आशीष यूंही बना रहेगा. आपकी विद्यार्थी की तरफ से आपके लिए एक छोटी सी भेंट...... उम्मीद है आपको पसन्द आयेगी. शुक्रिया दिल से ..

4 Responses so far.

  1. Mukul says:

    भावना बहुत सुन्दर भावनाओं का चित्रण शब्द बोल रहे हैं अपनी कहानी खुद कह रहे हैं बस मैं आप सब से यही चाहता हूँ अच्छा लिखा है शुक्रिया आप लोगों को मेरा साथ देने के लिए आभार

  2. This comment has been removed by the author.
  3. This comment has been removed by a blog administrator.

Leave a Reply