रिश्ते....
अनसुलझे प्रश्नों को I
कौंध रहा अंतर में मेरे,
दुत वेग से रह-रह कर जो I I
क्यों होते हैं यह रिश्ते,
हम क्यों सहते इन रिश्तों को I
जिसे ना चाहा सहना पल भर;
सहते उसको जीवन भर क्यों I I
अगर कहीं यह ही दुनिया है,
तो फ़िर ऐसी दुनिया क्यों I
क्यों हलते अपने ही सबको;
बिखरे सब पल-पल में क्यों I I
जब भी चाहें हँस ले दो पल;
उस पल में ही रोये क्यों I
अगर कहीं यह ही होता है;
तो फ़िर ऐसा होता क्यों I I
क्यों फैला है स्वार्थ हर तरफ;
उभरी है एक दुरी क्यों I
सिमटे क्यों खुद में हर कोई;
हर कोई इतना तन्हा क्यों I I
अगर कहो यह परिवर्तन है;
तो फ़िर यह परिवर्तन क्यों ??????????
-भावना (its all about feelings)
-भावना (its all about feelings)
Bhot dard hai Tumhari In lines me aur bhot sare question b hai jinka answer dena bhot muskil hai..... But Really Nice one Bhawna..
.
(N!K)
mujhe jaha tak lagta hai risto ka naam hi hai dad jo aapne byaan kiya hai in lines me ........
Bhawna : tumhare ish Chote dimag me Sagar ki gharai ko kaise naap deti hai..
Really awesome lines of life
very nice
this one is very nice
बहुत ही खूबसूरत रचना ...बधाई हो...
aap sbhi ka shukriya ke meri rachna ko sraha...