आज़माइश......
कोई सपना शायद जगाया था मैंने...
उम्मीद की थी शायद किसी तारे कि,
दूर रहकर यूँही पास आने कि I
शायद भुला बैठी थी ज़िन्दगी कि हकीकत,
तैयार की थी मोहब्बत कि झूठी इबारत...
तलाश थी ख़ुदा को पाने कि,
भूल गयी थी ख़ुदा पाना आसान नहीं I I
लोग बात करते हैं चाँद पाने की,
ना जाने चाँद किसको पाना चाहता है...
मैं आजमाती हूँ रोज़ अपने दिल को.
ना जाने मेरा दिल किसको अजमाना चाहता है I I I
-भावना (its all about feelings)
Nice...........Bhot gahrayi hai is kavita me
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(N!K)
भावना मज़ा नहीं आ रहा है
Bhawana going Gr8...Keep it up dear...
my wishes are with u
Very Nice.....
लोग बात करते हैं चाँद पाने की,
ना जाने चाँद किसको पाना चाहता है...
bhut sundar.........
hum khwahis karte hai dusro ko paane ki magar hum kabhi kabhi ye jaanne ki koshish tak nahi karte ki kya wo bhi hume paane k koshish karna bhi chahta hai ya nahi........
good yaar
na jane mera dil kisko ajmana chahta hai........very nice
मैं आजमाती हूँ रोज़ अपने दिल को.
ना जाने मेरा दिल किसको अजमाना चाहता है...
बहुत उम्दा ....
@nik: thanx dear...
@mukul sir: dubara koshish krungi sir
@anshu, abhishaek, shubhi,target,pramod, zindagi: shukriya aap sbhi ka