प्यार कि ये कहानी सुनो, एक लड़का था एक लडकी थी..
मान जाओ ना... |
चौदह फ़रवरी…इकरार का दिन, इज़हार का दिन, तकरार का दिन और कभी-कभी इनकार का दिन; किसी का सपना पूरा हो जाता है तो किसी का टूट जाता है, पर फ़िर भी हर दिल इस दिन का बेसब्री से इंतज़ार करता है I ऐसा दिन जिसके बारे में कहा जाता है के अगर आप किसीको प्यार करते हैं तो उससे अपने प्यार का इज़हार कर सकते हैं, और आज के दिन आपका वो खुदा आपको निराश नहीं करेगा और आपके प्यार को स्वीकार करेगा I कई लोगों को इस दिन से शिकायत भी है के ये दिन बाहरी संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है और लोग भारतीय संस्कृति को भूलते जा रहे हैं I कोई इसके साथ तो कोई ख़िलाफ़ पर कुछ भी कहिये फरवरी के आते ही दिल में कुछ-कुछ होने लगता है के अब क्या नया होना है, एक हलचल सी होने लगती है I और बस याद आता है:
दिल क्यूँ ये मेरा शोर करे, इधर नहीं उधर नहीं तेरी और चले...
i luv u ma-pa |
valentine सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका का दिन नहीं बल्कि एक दिन है जिसदिन आप अपने अपनों को आपकी ज़िन्दगी में उनकी एहमियत का एहसास करा सकते हैं...कहते हैं प्यार ख़ुदा का दूसरा रूप है, बिना प्यार के ज़िन्दगी अधूरी है; क्या कभी आप बोल सकते हैं के मैं नहीं चाहती के कोई मुझे प्यार करे? प्यार तो उस दिन से ही शुरू हो जाता है जब हम पैदा होते हैं...वो माँ का प्यार भरा स्पर्श...पापा का मुस्कुराता चेहरा जिससे वो हमारे माथे को प्यार से चुमते हैं..उस वक़्त ऐसा लगता है मानो एकपल में ही जन्नत मिल गयी हो, क्या ये प्यार नहीं....?????? हमारे हर पैगम्बर, भगवान, ख़ुदा या पीर जिसे भी आप मानते हैं वो प्यार को ही अपना धर्म समझते हैं...इंसानियत से प्यार, इंसान से प्यार; निस्वार्थ भाव से किसी रिश्ते को निभाना भी खुद में प्यार कि एक निशानी है..
चौदह फरवरी का एक दूसरा पहलु यह भी है के आज कि तारीख भारतीय इतिहास में भी बहुत मायने रखती है; आज ही के दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी कि सजा दी गयी थी....क्या अब भी आप प्यार से प्यार नहीं करेंगे? ये भी दीवाने थे जिन्होंने अपने देश से प्यार के लिए अपनी जान दे दी...कोई नही कह सकता के इनका प्यार स्वार्थी था, प्यार आत्मा है जिसके बिना ज़िन्दगी कुछ भी नहीं बस आप मशीन कि तरह चलते रहते हैं बिना किसी एहसास के...खुद को एक खोल में समेटे जिसके बाहर आप झांकना तक नहीं चाहते I
इस लेख को लिखने का कोई ख़ास मकसद नहीं बस उस संत को श्रधान्जली देना चाहती हूँ जो इस प्यार के दिन का सूत्र है, जिसने प्यार को उसकी बुलंदी पर पहुंचा दिया I वो बुलंदी जो शायद ही किसी-किसी को नसीब हुई हो I और सोचा के कहीं आप उसे शुक्रिया अदा करना ही ना भूल जाएँ....जब भी प्यार आपकी आत्मा के साथ आपकी रगों में उतर जाये तो saint valentine को दिल से शुक्रिया अदा करना मत भूलियेगा और संत valentine के बारे में जानने का थोड़ी सी कोशिश कीजिये , ये काम अब आपके हिस्से के आप सिर्फ प्यार के बाहरी रूप को समझते हैं या उसकी आत्मा को छु लेते हैं I बस कुछ अलफ़ाज़ हैं जो दिल से निकल रहें है और आपके साथ उन एहसासों को शब्द देकर आपके साथ बाटना चाहती हूँ :
अच्छा लिखा है. दिन प्रतिदिन तुम्हारा प्रयास बेहतर होता जा रहा है.
अंतिम पंक्तियाँ बहुत अच्छी हैं.
बढ़िया है पर क्या हर लेख के बाद कुछ कविता या पंक्तियाँ जरूरी हैं जरा सोचना इस बात पर
bahut khub.........
this is just fantastic.....and i really liked those romantic lines which u have written after paragraphs.....superb
and it is really amazing....people still remember the bhagat singh and co.
superb mam
kya khoob likha hai..........
bemishaal ho tum ,
naam se hi nahi kaam se bhi ho tum kammal ,
kya hai teri soch,kya hai teri taal,
surat hi nahi,seerat se bhi ho bemishaal,
pyar sabdo ka mohataj nahi hota, dil mai har kisi ke raaz nahi hota, kyu intazar karte hai sabhi valentine day ka kya sall ka har din payr ka haqdar nahi hota........
Nice one......really touching
अच्छा ब्लॉग - हार्दिक शुभकामनाएं
Nice one ....
protsahan ke dhnyawaad @rohit sir
@mukul sir: aapke sujhav pr dhyan dungi sir
@neha: shukriya
@ajitbiomed: thanx alot for appreciation frnd
@target: shukriya dost
@man mohan: dhnyawaad da
shukriya @राकेश कौशिक ji
@anshu joshi: thanx dost
बहुत ही सुनहरा प्यार की कहानी